Tuesday, December 30, 2008




उस आसमा को छूने का ख्वाब ,यूँ दिल में पला था ,

कभी उसकी ,कभी मेरी नज़रों में साथ-साथ चला था !

मौजूद थी तन्हाईयाँ ,फिर भी कही उम्मीद जगी थी ,

उस बावफा की बेवफाई से, मेरा हर सपना जला था !


द्वारा


--------अनु राज



मोहब्बत के तूफान में, साये नज़र नहीं आते ,

जो रूह में बस चुके हो ,भुलाएँ नहीं जाते !

हकीकत से वाबस्ता कराकर, क्या मिलेगा उन्हें?

जो पहले से जल रहें हो ,वो जलाएं नहीं जाते !


द्वारा

---------अनु राज

पत्थर हो जहाँ दिल ,तो फिर तकरार क्या करना!






पत्थर हो जहाँ दिल ,तो फिर तकरार क्या करना,


कुदरत के करिश्मों से इनकार क्या करना !


हाथों की लकीरों में जिसका नाम नहीं था ,


उस नाखुदा से प्यार का इज़हार क्या करना !



द्वारा


--------अनु राज

Sunday, December 28, 2008

Bemisl si sadayen





Bemisl si sadayen dil ki zuba nahi,  

Aahat si ho rahi hai ,shayad hai wo yahi! 

Logo ne kar diya meri kismat ka faisla ,  

Zindgi ki kahani ab falsafa sahi!

dwara

---------anu raj

Sunday, December 21, 2008

कुछ ख्यालात जो बदल जाते





कुछ ख्यालात जो बदल जाते ,

अपने हालात कुछ संभल जाते !

मेरे आगोश की पनाहों में ,

उनके ज़ज्बात कुछ तो ढल जाते !


प्यार के नाम से वो डरते है ,

लेकिन कहते है तुमपे मरते है !

मेरे आंसू उन्हें बुलाते है ,

काश इस दर्द को समझ पाते ?


इस घनी धुप में जो छाया है ,

वो ही है रूह ,वो ही साया है !

मेरी दुनिया बस उनके दम से है ,

काश इन आँखों को वो पढ़ पाते ?


जानते है हम उनके काबिल नहीं ,

इक भटकती लहर का साहिल नहीं ,

जो दिखाए है सब्ज़ बाग़ हमे ,

काश उस मोड़ तक ही जाते ? 


द्वारा 

------------- अनु राज