Sunday, December 21, 2008

कुछ ख्यालात जो बदल जाते





कुछ ख्यालात जो बदल जाते ,

अपने हालात कुछ संभल जाते !

मेरे आगोश की पनाहों में ,

उनके ज़ज्बात कुछ तो ढल जाते !


प्यार के नाम से वो डरते है ,

लेकिन कहते है तुमपे मरते है !

मेरे आंसू उन्हें बुलाते है ,

काश इस दर्द को समझ पाते ?


इस घनी धुप में जो छाया है ,

वो ही है रूह ,वो ही साया है !

मेरी दुनिया बस उनके दम से है ,

काश इन आँखों को वो पढ़ पाते ?


जानते है हम उनके काबिल नहीं ,

इक भटकती लहर का साहिल नहीं ,

जो दिखाए है सब्ज़ बाग़ हमे ,

काश उस मोड़ तक ही जाते ? 


द्वारा 

------------- अनु राज 




1 comment:

Anonymous said...

IF A DROP FALLS ON A LAKE
IT LOOSES. ITS IDENTITY.
IF FALLS ON ROSE. IT SHINE.
IF FALLS ON A SHELL IT BECOMESA PEARL.

THE DROP IS SAME BUT THE "COMPANY MATTERS"