
अपने हालात कुछ संभल जाते !
मेरे आगोश की पनाहों में ,
उनके ज़ज्बात कुछ तो ढल जाते !
प्यार के नाम से वो डरते है ,
लेकिन कहते है तुमपे मरते है !
मेरे आंसू उन्हें बुलाते है ,
काश इस दर्द को समझ पाते ?
इस घनी धुप में जो छाया है ,
वो ही है रूह ,वो ही साया है !
मेरी दुनिया बस उनके दम से है ,
काश इन आँखों को वो पढ़ पाते ?
जानते है हम उनके काबिल नहीं ,
इक भटकती लहर का साहिल नहीं ,
जो दिखाए है सब्ज़ बाग़ हमे ,
काश उस मोड़ तक ही जाते ?
द्वारा
------------- अनु राज
1 comment:
IF A DROP FALLS ON A LAKE
IT LOOSES. ITS IDENTITY.
IF FALLS ON ROSE. IT SHINE.
IF FALLS ON A SHELL IT BECOMESA PEARL.
THE DROP IS SAME BUT THE "COMPANY MATTERS"
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