Friday, April 3, 2009


वक़्त के साथ कितने नए, रूप दिखलाते है लोग ,
जख्म देकर प्यार को, नफरत दिखा जाते है लोग !
लगता है इंसानियत पहलु में जा कर छिप गयी ,
इसलिए ज़मीर को मिटटी में दफ्फ्नाते है लोग !

द्वारा 

---------अनु शर्मा 

1 comment:

Kavi Kulwant said...

bahut khoob.. badhaai ho.. khoobsurat..
kulwant singh
http://kavikuwlant.blogspot.com

see hindyugm and baaludyaan too..