Tuesday, December 30, 2008




मोहब्बत के तूफान में, साये नज़र नहीं आते ,

जो रूह में बस चुके हो ,भुलाएँ नहीं जाते !

हकीकत से वाबस्ता कराकर, क्या मिलेगा उन्हें?

जो पहले से जल रहें हो ,वो जलाएं नहीं जाते !


द्वारा

---------अनु राज

1 comment:

chandramani mishra said...

bhut achha likhti hai aap