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[16]हाथो में हाथ लेकर दो कदम ही चले थे !
कभी लगता है प्यार खुदा का नाम हैं,कभी लगता है ये त...
कुछ लफ्ज़ लिखे तारीफ में कयामत सी ढहा गए ,नाम दिल ...
[१४] वसुंधरा घबरा गई ,प्रकृति भी मुरझा गई !
[१५] जो एक कली मुरझाई थी,छूने से उनके खिल गई !
[१४] इस प्रेम पंथ की कल्पना अति जटिल और व्यर्थ क्यों?
[१३] भ्रमित-भ्रमित से मन की मेरे ये कैसी अभिलाषा है ?
[१२] शब्दों के मायाजाल में, अंतर्मन खो गया !
[१२] किस कारण इतना प्यार दिया.........?
[10] जिंदगी जीना कला है ,और जीवन साधना !
[9] भारती की भूमि पर हम जन्म लेकर हो गए पावन
[८]मात्रभाषा हिन्दी
[७]पुकारती वसुंधरा,पुकारती माँ भारती
[६]गज गामिनी वामा को सोंदर्य सुधा क्यो कहते हैं ?
[५] सर्व-धर्म समभाव
[३] ना पूछा उन्होंने !
[2]हम तेरे दीवाने हो गए
[1]पत्थर से मोम सा पिघल गया
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Friday, September 12, 2008
[2]हम तेरे दीवाने हो गए
वो कह बैठे,हम तेरे दीवाने हो गए!
इस भरी दुनिया मे बेगाने हो गए!
बात सिर्फ होंठो से निकली ही थी,
की हर लफ्ज़ के अफ़साने हो गए!
द्वारा-----------अनु राज
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