Saturday, September 13, 2008

[9] भारती की भूमि पर हम जन्म लेकर हो गए पावन



भारती की भूमि पर हम जन्म लेकर हो गए पावन ।
सामरस में मिलकर अब तो हो गया काया का तारण




वीरों की भूमि यहाँ पर ,
ऋषियों का हैं देश ये ----ऋषियों का हैं देश ये ।
प्रेम की छाया यहाँ पर ,
सूर्य का यहाँ तेज पावन ।



भारती की भूमि पर हम जन्म लेकर , हो गए पावन ।


गंगा ,यमुना ,सरस्वती से ,
तप की भूमि बन गई ,तप की भूमि बन गई----
प्रेम की पावन धाराएँ ,
तन को करलों आज पावन ।

भारती की भूमि पर हम , जन्म लेकर हो गए पावन ।

हमको सुख से अब हटानी ,

दुख की सब परछाईयां ।

प्रेम और करुणा के रस से ,

मन को कर लो आज पावन।

भारती की भूमि पर हम जन्म लेकर हो गए पावन।

अपनी हस्ती को मिटाने ,

का ये वक्त हैं साथियों ---हां ये वक्त हैं साथियों

रक्त की बुँदे गिराकर ,

तन को कर लो आज पावन ।

भारती की भूमि पर हम जन्म लेकर हो गए पावन ....


द्बारा
---------अनु राज

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